तन्हा लम्हों में तुझे चुनकर,

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तन्हा लम्हों में चुनकर, एक आशियाना बनाने की कोशिश करता हूँ, हार जाता हूँ, हर दफा, जब भी मुस्कुराने की कोशिश करता हूँ!

कदम कदम पर मुझे इश्क़ हुआ तुझसे,

कदम कदम पर मुझे इश्क़ हुआ तुमसे, कदम कदम पर तेरी दोस्ती भी चली आई, मैं मेरे प्यार की मुक्कमल दास्तां लिखती भी तो कैसे, तेरी दोस्ती बीच में लकीर जो खिचती चली आई।

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