तन्हा लम्हों में तुझे चुनकर,

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तन्हा लम्हों में चुनकर, एक आशियाना बनाने की कोशिश करता हूँ, हार जाता हूँ, हर दफा, जब भी मुस्कुराने की कोशिश करता हूँ!

चाहतों का फरेब।

चाहतों का फरेब चल रहा है, इश्क़ की नुमाईश हो रही है, कोई तिनका तिनका टूट रहा सजाने में तो कहीं रंग बिरंगी फरमाशें हो रही है। 

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