तन्हा लम्हों में तुझे चुनकर,

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तन्हा लम्हों में चुनकर, एक आशियाना बनाने की कोशिश करता हूँ, हार जाता हूँ, हर दफा, जब भी मुस्कुराने की कोशिश करता हूँ!

तम्मना- ए- इश्क़।

तम्मना- ए- इश्क़ तो हम भी करते हैं, किसी के दिल में हम भी धरकते है, ना जाने कब मिलेंगे वो, जिनके लिए हम रोज तड़पते हैं।

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