तन्हा लम्हों में तुझे चुनकर,

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तन्हा लम्हों में चुनकर, एक आशियाना बनाने की कोशिश करता हूँ, हार जाता हूँ, हर दफा, जब भी मुस्कुराने की कोशिश करता हूँ!

मेरे दर्द को किसने देखा है।

Mere दर्द को किसने देखा है, लोगों ने तो सिर्फ मुझे देखा है। अक्सर रोता हूँ मैं तंहाईंयों में, मेहफ़िलों में तो लोगों ने मुझे, सिर्फ हँसते देखा है।

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