तन्हा लम्हों में तुझे चुनकर,

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तन्हा लम्हों में चुनकर, एक आशियाना बनाने की कोशिश करता हूँ, हार जाता हूँ, हर दफा, जब भी मुस्कुराने की कोशिश करता हूँ!

जब वो मुस्कुराती है।

तेरी हर अदा सनम दिल पे, सितम पे गिरती है, पतझर में भी आ जाये बहार, जब वो मुस्कुराती है।

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