तन्हा लम्हों में तुझे चुनकर,

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तन्हा लम्हों में चुनकर, एक आशियाना बनाने की कोशिश करता हूँ, हार जाता हूँ, हर दफा, जब भी मुस्कुराने की कोशिश करता हूँ!

वो यादें।

वो यादें, वो किरदार, मेरे अकेलेपन की पुकार, सब जानती हैं तू, तेरे इश्क़ के लिए मेरा इजहार। हाँ, तू जरूर कोई कोशिश होगी मेरे जुनून की, वरना कहाँ ये जमाना और कहाँ तेरा प्यार

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